dosti shayari - An Overview

ज़िन्दगी के कुछ उलझे सवालो से डर लगता है

पर ये नही की मैंने दोस्तों से मिलना छोड दिया।

एक प्यारी सी सुबह बोली उठ के देख क्या नज़ारा है।

तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी.

तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे.

तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे.

हम वक्त गुजारने के लिए दोस्तों को नहीं रखते,

आज उनकी दोस्ती में ✧ कुछ कमी देखि ✧ चाँद की चांदनी में कुछ click here ✧ नमी देखी ✧ उदास हो के ✧ लौट आए हम अपने घर ✧ उनकी महफ़िल जब ✧ औरों से जमी देखि ✧

ओर जितने तारे बच जाए उतना हम तुमको याद करते है।

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जुदा होके भी ना भूले यही दोस्ती की जीत है।

अगर दोस्त ना हो फिर ये जिंदगी किस काम कीं।

हर रोज इतना मुस्कुराया करो की ग़म भी कहे !

खिलखिलाना दोस्तों से तोहफ़े में मिल गया।

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